Tata Tech IPO: क्या आपको करना चाहिए इस IPO में निवेश? जानें अलग-अलग एक्सपर्ट्स की राय

Tata Technologies IPO: टाटा टेक्नोलॉजीज के आईपीओ का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। इसी हफ्ते 22 नवंबर को यह IPO बोली लगाने के लिए खुलेगा। करीब 20 साल बाद टाटा ग्रुप अपना पहला IPO ला रहा है, ऐसे में काफी अधिक लोगों की इस आईपीओ में दिलचस्पी है। लेकिन क्या सिर्फ यही देखकर आपको किसी IPO पैसा लगाना चाहिए? याद कीजिए LIC के आईपीओ को लेकर भी ऐसा ही या फिर इससे ज्यादा शोर था। लेकिन अंत में क्या हुआ? काफी निवेशकों के पैसे डूब गए या अबतक फंसे हुए हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि आप Tata Tech के आईपीओ में पैसा लगाने से पहले जानें कि अलग-अलग एक्सपर्ट्स इस IPO को लेकर क्या सलाह दे रहे हैं और इससे जुड़े क्या जोखिम हैं?

Tata Tech IPO से जुड़ी बेसिक जानकारी

सबसे पहले IPO को लेकर कुछ बेसिक जानकारी जान लेते हैं। टाटा टेक का आईपीओ 22 से 24 नवंबर तक खुला रहेगा। कंपनी इसमें अपने शेयरों को 475 से 500 रुपये के प्राइस बैंड पर बेचेगी। कुल 6.08 करोड़ शेयरों को बिक्री के लिए रखा जाएगा। 500 रुपये के ऊपरी प्राइस पर इस पूरे आईपीओ की साइज 3,042.51 करोड़ रुपये है और कंपनी की वैल्यूएशन 20,283 करोड़ रुपये आती है।

क्या टाटा टेक्नोलॉजीज के IPO को सब्सक्राइब करना चाहिए?

IDBI कैपिटल, रिलायंस सिक्योरिटीज, अरिहंत कैपिटल और मेहता इक्विटीज। इन सभी के एक्सपर्ट्स ने इस IPO को सब्सक्राइब करने यानी इसमें पैसा लगाने की सलाह दी है। वहीं Emkay ने थोड़ा अलग तरीके से आकलन किया है। आइए इस सबको जानते हैं।

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ब्रोकरेज का कहना है कि टाटा टेक अब एयरोस्पेस सेक्टर में अपना विस्तार करने पर फोकस कर रही, जिसका इसे फायदा मिलेगा। कंपनी हवाई जहाज बनाने के साथ उसके मेंटीनेंस, रिपेयर और ऑपरेशंस से जुड़ी गतिविधियों पर फोकस कर रही है। IDBI ने कहा कि वित्त वर्ष 2021 से 2023 के बीच टाटा टेक का सालाना रेवेन्यू ग्रोथ 36% और प्रॉफिट ग्रोथ 62% का रहा है, जो काफी शानदार है। ब्रोकरेज को आगे भी टाटा टेक के रेवेन्यू और प्रॉफिट ग्रोथ में मजबूत ग्रोथ की उम्मीद है। IDBI कैपिटल ने कहा कि टाटा टेक की वैल्यूएशन इसके वित्त वर्ष 2023 के अर्निंग प्रति शेयर के 33 गुना पर है, जबकि इसकी समकक्ष कंपनियां 66 गुना पर कारोबार कर रही हैं। ऐसे में हम इस IPO को सब्सक्राइब करने की सलाह दे रहे हैं।

रिलायंस सिक्योरिटीज

इसने भी टाटा टेक के IPO को सब्सक्राइब करने की सलाह दे रही है। रिलायंस सिक्योरिटीज ने कहा कि कंपनी के कारोबार की संभावनाएं काफी मजबूत है। इसे ग्रुप की कंपनियों से काफी सपोर्ट है। वित्तीय सेहत भी बढ़िया है और इसका मार्जिन भी लगातार बेहतर हो रहा है, जो इसके वैल्यूएशन को वाजिब ठहराता है। इसलिए इसमें निवेश करने की सलाह दी जाती है।

अरिहंत कैपिटल और मेहता इक्विटीज

अरिहंत कैपिटल ने भी इसमें सहमति जताई है। ब्रोकरेज ने कहा कि सालाना रेवेन्यू ग्रोथ के मामले में टाटा टेक ने पिछले 3 सालों में टाटा इलेक्सी, L&T टेक्नोलॉजी और KPIT टेक्नोलॉजी सभी को पिछले छोड़ दिया है। ऐसे में लिस्टिंग गेन के अलावा लंबी अवधि के लिहाज से भी इस IPO में निवेश किया जा सकता है। मेहता इक्विटीज ने भी इसे लिस्टिंग गेन और लंबी-अवधि दोनों के लिहाज से सब्सक्राइब करने को कहा है।

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ब्रोकरेज फर्म इमके ने थोड़ा अलग तरीके से टाटा टेक की वैल्यूएशन का आकलन किया है। इमके ने कहा कि कंपनी इस समय बिजनेस मिक्स पर फोक कर रही है। अगर यह स्थिर रहा और अगले तीन सालों तक इसका सालाना रेवेन्यू ग्रोथ 14% तक रहा, फिर इसका वैल्यूएशन वाजिब है। वहीं अगर कंपनी ने सर्विसेज की तरफ ध्यान दिया और इसका रेवेन्यू ग्रोथ 18% पहुंच गया, फिर इसका वैल्यूएशन सस्ता नजर आ रहा है। लेकिन अगर ये दोनों सिचुएशन नहीं हुईं और इसकी सालाना रेवेन्यू ग्रोथ घटकर 10% पर आ गई, फिर यह आईपीओ महंगा है।

टाटा टेक के IPO से जुड़े जोखिम क्या हैं?

– पहला जोखिम हैं कि इसका अधिकतर रेवेन्यू कुछ बड़े क्लाइंट्स तक सीमित हैं। अगर इनका कारोबार डगगमाया, तो उसकी आंच टाटा टेक पर भी आएगी। अभी वित्त वर्ष 2024 की पहली छमाही तक कंपनी का करीब 57% रेवेन्यू सिर्फ 5 क्लाइंट्स से आया था। हालांकि कंपनी इसमें विविधता लाने की कोशिश कर रही है।

– दूसरा जोखिम है कि इसका अधिकतर रेवेन्यू सिर्फ ऑटोमोटिव सेगमेंट के क्लाइंट्स पर टिका है। अगर इस सेक्टर में कोई सुस्ती आती है, या ये मंदी का शिकार होता है, तो इसका असर कंपनी के कारोबार पर भी पड़ेगा।

– तीसरा जोखिम यह है कि कंपनी आगे अधिक रेवेन्यू के लिए इलेक्ट्रिक और दूसरी नई एनर्जी वाली व्हीकल कंपनियों पर फोकस कर रही हैं। दिक्कत यह है कि इस सेक्टर की अधिकतर कंपनियां अभी स्टार्टअप हैं। हमने कई बड़े स्टार्टअप को फेल होते या उनके जबरन अधिग्रहण आदि होते देखा है। ऐसे में यह कंपनी के कारोबार पर असर डाल सकता है।

– चौथा और आखिरी जोखिम है कि कंपनी का पूर्व में नेगेटिव कैश फ्लो रह चुका है। अगर ऐसा भविष्य में दोबारा हुआ तो यह इसके लिक्विडिटी और ऑपरेशंस पर असर डाल सकता है।

डिस्क्लेमरः Moneycontrol पर एक्सपर्ट की ओर से दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह उनके अपने होते हैं, न कि वेबसाइट और उसके मैनेजमेंट के। Moneycontrol यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई भी निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।

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